Monday, February 16, 2009

सामाजिक-सांस्कृतिक-आर्थिक सुधार के मुख्य मद

1. छुआछूत उन्मुलन
2. अणु-कुपोषण उन्मुलन
3. बाल-विवाह प्रथा का उन्मुलन
4. नियोजित-परिवार प्रथा को प्रोत्साहन देना
5. पारिवारिक संस्था व मुल्यों को सुदृढ़ करना
6. स्थानीय सांस्कृति व पौराणिक धरोहर की रक्षा एवं सुदृढ़ता
7. स्थानीय कला, हस्तकला, लाभदायक रिती-रिवाजों और गायकी इत्यादि को प्रोत्साहन देना
8. व्यक्तिगत तथा स्थानिक स्वच्छता के बारे जागरूकता लाकर अणुरहित वातावरण बनाने केलिए प्रोत्साहित करना
9. खाद्य प्रसंसकरण उद्योगों सम्बन्धि संरचना को सुदृढ़ करना
10. टिकाउ ढंग से खनिज-दोहन करना
11. पूर्ण पन-बीजली क्षमता का शीघ्र अति शीघ्र दोहन करना
12. जड़ी-बुटी उद्योग सम्बन्धि संरचना सुदृढ़ करना
13. इको-टुरिज्म को विशेष प्रोत्साहन देकर रोजगार के अवसर पैदा करना
14. उपयुक्त कृषि प्रक्रिया प्रोत्साहित कर भू-उत्पादक्ता बढ़ाना
15. सार्वजनिक इकाइयों की कार्य प्रणाली में व्यापक सुधार कर राज्य के लिए आय का साधन बनाना
16. सड़क-रेल-हवाई सम्बन्धि संरचना को सुदृढ़ करना
17. शौर व वायु जैसी पुनर्विकास-योग्य उर्जा स्त्रोतों सम्बन्धि संरचना का विकास करना
18. कृषि व बागवानी उत्पादों की दोहन प्रणाली एवं संरचना में सुधार कर क्षय को न्युनतम-स्तर तक लाना

No comments: