Friday, May 1, 2009

राज्य (हिमाचल प्रदेश) में काँग्रेस सरकार द्वारा 2003-08 की अवधी में किए गए दुष-प्रभाव वाले कार्य


1. क्षेत्रीय भेद भाव को राजनैतिक व प्रशासनिक स्तर पर बढ़ावा दिया और इस बात की झलक सामाजिक व आर्थिक विकास में भी नज़र आई;

2. भ्रष्टाचार चरम सीमा तक पँहुच गया;

3. सड़क निर्माण व मुरम्मत कार्य बिल्कुल ठप पड़ गया;

4. केन्द्र में अपनी ही पार्टी की अगुवाई वाली सरकार होते हुए भी राज्य की काँग्रेस सरकार न तो सँरचना विकास हेतू कोई विशेष आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकी और न ही किसी केन्द्रीय शिक्षा या स्वास्थ्य सँस्था की स्थापना करवा सकी;

5. पालमपुर में विवेकानन्द ट्रस्ट द्वारा सँचालित सँस्थान को प्रभावी ढँग से चलाने में निम्न स्तर की राजनीती खुलेआम खेलकर प्रदेश की जनता को होने वाले महत्वशाली लाभ से वँछित रखा गया;

6. रोहताँग टनल का कार्य बिल्कुल ठप पड़ गया;

7. रेल नैटवर्क का राज्य में कोई विस्तार नहीं करवा सके;

8. हवाई सेवा में विस्तार होने के बजाय उल्टा उन्मुलन हो गया;

9. मैडीकल कालेजों में डाक्टरों व अन्य टैक्नीकल पदों की अत्याधिक रिक्तियां होने के कारण जनता को इन सँस्थानों से पुर्ण लाभ नहीं मिल सका;

10. शिक्षा सँस्थानो में रिक्तियां होने के कारण और उपर से चन्द रिक्तियों को अपंग व्यवस्थानुसार भरकर बच्चों की पढ़ाई पर बुरा प्रभाव पड़ा;

11. आम जनता की भलाई वाली स्कीमों को क्रियान्वयन करने वाले विभागों में रिक्त पदों को न भर करके एक ओर जनहित को क्षति पँहुची तथा दूसरी ओर मिलने वाले रोज़गार से प्रदेश के युवाओं को वँछित रहना पड़ा;

12. पन-बिजली योजनाओं सम्बन्धी एम.ओ.यु. में राज्य हितों को नज़र-अन्दाज किया गया;

13. राज्य में चल रहे निजी-उद्योगों में 70% हिमाचलियों को नौकरी पर रखने वाली शर्त का कड़ाई से पालन न करके राज्य के बेरोजगार युवकों को नौकरी से वंछित रहना पड़ा;

14. एच.पी.एम.सी., एग्रो-इन्डस्ट्री तथा एग्रो-पैकेजिंग जैसी किसान-हितैशी सार्वजनिक इकाइयों की दुर्दशा इतनी बढ़ा दी कि ये बन्द होने के कगार पर पँहुच गई;

15. हौरटीकलचर-मिशन के अन्तर्गत केवल प्रचार किया गया और कोई ठोस योजना फिल्ड में लागु न करके लोगों को इससे होने वाले महत्वशाली लाभ से वँछित रखा गया;

16. किसानों व बागवानों को आढ़तियों द्वारा किए जा रहे शोषण से बचाने केलिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाये गए;

17. सिंचाई परियोजनाओं का सुधार करने की बजाय घोटाले करने की ओर ही ज्यादा ध्यान दिया गया।

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